सुख-दुख में संतुलन कैसे पाएँ? गीता श्लोक 38 से सीखें जीवन का असली अर्थ | भगवद गीता अध्याय 2 व्याख्या हिंदी में
श्लोक 38: एक पंक्ति जो मन के तूफानों को साधे सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि॥ गीता का ये श्लोक पहली बार पढ़ा था, तो लगा — “ओह, ये तो बस एक मोटिवेशनल लाइन है।” लेकिन जब मैंने इसे महसूस किया… अपने एक हार के पल में… तब ये सिर्फ श्लोक … Read more