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About Us – Observation Mantra Hindi Last updated: August 29, 2025 Welcome to Observation Mantra Hindi—a space where we decode the timeless wisdom of the Bhagavad Gita and Indian philosophy into simple, everyday insights. Our goal is to help you build एकनिष्ठ बुद्धि (focused mind), reduce confusion, and live with clarity, joy, and purpose. Our … Read more

भगवद गीता अध्याय 2 श्लोक 39 का अर्थ – कर्म योग, आत्मज्ञान और अर्जुन की दुविधा का समाधान

1. एक पल जो ठहर गया: जब अर्जुन ने उठने से मना कर दिया युद्ध के मैदान की वो सुबह… अर्जुन का धनुष नीचे गिर पड़ा था। उसका कंठ सूख गया था। और भीतर एक सवाल… "क्या मैं युद्ध करूं? या भाग जाऊं?" मुझे आज भी याद है, जब मैंने पहली बार भगवद गीता को … Read more

भगवद गीता अध्याय 2 श्लोक 33: धर्म और कर्तव्य का आधुनिक संदर्भ में गूढ़ विश्लेषण

भगवद गीता अध्याय 2 श्लोक 33 का चित्रण – कर्तव्य, धर्म और आत्म-सम्मान का संदेश

Intangible WhatsApp Facebook X भगवद गीता अध्याय 2 श्लोक 33: धर्म से विमुख होने पर क्या होता है? “अथ चेत्त्वमिमं धर्म्यं संग्रामं न करिष्यसि। ततः स्वधर्मं कीर्तिं च हित्वा पापमवाप्स्यसि॥ 33॥” “यदि तुम इस धर्मयुक्त युद्ध को नहीं करोगे, तो स्वधर्म और कीर्ति को खोकर पाप को प्राप्त होओगे।” भूमिका: जब गीता हमारे समय से … Read more