भगवद गीता श्लोक 2.40 अर्थ: निःकाम कर्म से जीवन बदलने का रहस्य

भगवद गीता श्लोक 2.40 में श्रीकृष्ण और अर्जुन, निष्काम कर्म का महत्व बताते हुए | गीता का ज्ञान जीवन बदलने वाला संदेश

भगवद गीता श्लोक 2.40 का गहरा संदेश है कि निष्काम कर्म का कोई भी प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता। श्रीकृष्ण बताते हैं कि आध्यात्मिक मार्ग पर छोटा-सा कदम भी जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। जानिए इस श्लोक का अर्थ और आधुनिक जीवन में इसकी प्रासंगिकता।

भगवद गीता श्लोक 2.40 का रहस्य: कैसे निष्काम कर्म आपकी ज़िंदगी बदल सकता है?

कभी सोचा है… क्या कोई प्रयास बेकार जाता है? मैं नहीं जानता कि आप किस मोड़ पर हैं, लेकिन एक सवाल है जो हर किसी के दिल में कहीं न कहीं दबा होता है—“क्या जो मैंने किया… उसका कोई मतलब था?” आपने कभी किसी पौधे को लगाया है, जो उगने से पहले ही सूख गया? … Read more