भगवद गीता अध्याय 2 श्लोक 39 का अर्थ – कर्म योग, आत्मज्ञान और अर्जुन की दुविधा का समाधान
1. एक पल जो ठहर गया: जब अर्जुन ने उठने से मना कर दिया युद्ध के मैदान की वो सुबह… अर्जुन का धनुष नीचे गिर पड़ा था। उसका कंठ सूख गया था। और भीतर एक सवाल… "क्या मैं युद्ध करूं? या भाग जाऊं?" मुझे आज भी याद है, जब मैंने पहली बार भगवद गीता को … Read more